tag:blogger.com,1999:blog-344619722474742786.post8864338080476523083..comments2023-11-07T21:28:20.513-08:00Comments on S H A R D A: वर माला बधू मालाBrijmohanShrivastavahttp://www.blogger.com/profile/04869873931974295648noreply@blogger.comBlogger25125tag:blogger.com,1999:blog-344619722474742786.post-69369335730537723932009-01-07T05:10:00.000-08:002009-01-07T05:10:00.000-08:00जैसे देव याचक अग्नि की -योगी एकांत की -रोगी चिकित्...जैसे देव याचक अग्नि की -योगी एकांत की -रोगी चिकित्सक की -जमाखोर भाव ब्रद्धि की -भयभीत रक्षक की खोज में निरंतर रहता है उसी प्रकार सयानी लडकी का बाप वर की तलाश में निरंतर रहता है =वर यानी दूल्हा उस शादी वाले दिन राजा होता है तभी उसे दूल्हा राजा कहा जाता है == पुराने जमाने में राजा दूसरे कमजोर राज्य पर आक्रमण करता था और राजकुमारी से विवाह करता था आज भी दूल्हा राजा है आक्रामक है बाराती उसके सैनिक है सब वोही रस्मो रिवाज़ वह हथियार रखता है कटार के रूप में -तोरन मारता है -आक्रमण और लूट का सीधा सम्बन्ध है वह दहेज़ लूटता है -लडकी का बाप दुर्वल राज्य का प्रतीक है -पहले रणभेरी तुरही शंख बजते थे आज डिस्को बजता है -पहले युद्ध जीतने के पश्तात सेनिक जश्न मनाते थे आज बाराती नाचते गाते पहले जश्न मनाते है क्योंकि यह तो तय है की युद्ध जीत लिया गया है लडकी के बाप ने पहले ही आत्मसमर्पण कर दिया है अपनी पगड़ी लडके के बाप के चरणों में रख दी है<BR/><BR/>...............<BR/><BR/>बस "वाह" के सिवा कुछ भी सूझ नही रहा कहने को.रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-344619722474742786.post-48979331326379259282009-01-01T00:40:00.000-08:002009-01-01T00:40:00.000-08:00आपको और आपके इष्ट मित्रजनों को नये साल की घणी रामर...आपको और आपके इष्ट मित्रजनों को नये साल की घणी रामराम।ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-344619722474742786.post-55726508521263247572008-12-31T23:44:00.000-08:002008-12-31T23:44:00.000-08:00नववर्ष की हार्दिक ढेरो शुभकामनानववर्ष की हार्दिक ढेरो शुभकामनाDr. Nazar Mahmoodhttps://www.blogger.com/profile/08884037328988541092noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-344619722474742786.post-83502518842165493992008-12-31T21:21:00.000-08:002008-12-31T21:21:00.000-08:00नव वर्ष मंगल मय हो आपका सहित्य सृजन खूब पल्लिवित ...नव वर्ष मंगल मय हो <BR/>आपका सहित्य सृजन खूब पल्लिवित हो <BR/>प्रदीप मानोरिया <BR/>09425132060प्रदीप मानोरियाhttps://www.blogger.com/profile/07696747698463381865noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-344619722474742786.post-56201707869120098282008-12-31T09:01:00.000-08:002008-12-31T09:01:00.000-08:00कुछ रहे वही दर्द के काफिले साथकुछ रहा आप सब का स्...कुछ रहे वही दर्द के काफिले साथ<BR/>कुछ रहा आप सब का स्नेह भरा साथ <BR/>पलकें झपकीं तो देखा...<BR/>बिछड़ गया था इक और बरस का साथ...<BR/><BR/>नव वर्ष की शुभ कामनाएं..हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-344619722474742786.post-9882934270083314612008-12-31T01:08:00.000-08:002008-12-31T01:08:00.000-08:00"नव वर्ष २००९ - आप के परिवार मित्रों, स्नेहीजनो..."नव वर्ष २००९ - आप के परिवार मित्रों, स्नेहीजनों व शुभ चिंतकों के लिये सुख, समृद्धि, शांति व धन-वैभव दायक हो॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ इसी कामना के साथ॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं "<BR/><BR/>regardsseema guptahttps://www.blogger.com/profile/02590396195009950310noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-344619722474742786.post-61248666386774225862008-12-30T22:51:00.000-08:002008-12-30T22:51:00.000-08:00बहुत ही उम्दा व्यंग्य रचनाआपको एवं आपके समस्त मित्...बहुत ही उम्दा व्यंग्य रचना<BR/>आपको एवं आपके समस्त मित्र/अमित्र इत्यादी सबको नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाऎं.<BR/>ईश्वर से कामना करता हूं कि इस नूतन वर्ष में आप सबके जीवन में खुशियों का संचार हो ओर सब लोग एक सुदृड राष्ट्र एवं समाज के निर्माण मे अपनी महती भूमिका का भली भांती निर्वहण कर सकें.Pt. D.K. Sharma "Vatsa"https://www.blogger.com/profile/05459197901771493896noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-344619722474742786.post-2015251984427445162008-12-30T11:41:00.000-08:002008-12-30T11:41:00.000-08:00बहुत सुन्दर काव्य, नववर्ष की बहुत-बहुत बधाई, नववर्...बहुत सुन्दर काव्य, नववर्ष की बहुत-बहुत बधाई, नववर्ष आपके लिए कल्याणकारी हो।Vinayhttps://www.blogger.com/profile/08734830206267994994noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-344619722474742786.post-56796933328702538762008-12-30T09:09:00.000-08:002008-12-30T09:09:00.000-08:00आदरणीय बृजमोहन जी,आज आप द्वारा सस्नेह प्रेषित पुस्...आदरणीय बृजमोहन जी,आज आप द्वारा सस्नेह प्रेषित पुस्तक कुछ कुछ नहीं बहुत कुछ होता है पढ़ रहा था "शर्मनाक" और " माँ का नाम क्यों नहीं "पढ़ कर मन को बहुत अशांत महसूस कर रहा हूँ .वयंग्य के माध्यम से भी क्रांतिकारी बातें कही जा सकती है जान लिया फ्रांसिस बेकन के निबंध के बाद अगर कोई लेखन प्रभावित कर पाया तो वह श्री बृजमोहन श्रीवास्तव जी का लेखन ही है वही विविधता वही पैनापन छोटी से छोटी बात पर सारगर्भित लिख देना और बड़े से बड़े विषय पर सरलता से कह जाना ....शायद कोई अतिशयोक्ति नहीं है <BR/>वैसे तो पुराने और नए जैसी कोई बात दिल पर नहीं आती फिर भी पुराने वर्ष ने अगर आप जैसे साहित्यप्रेमिओं को मिलाया है वहीँ पर आतंकवाद और मंहगाई जैसी समस्याओं से हम जैसे आम आदमी को प्रभावित भी किया है .... अत: नए वर्ष की मंगल कामनाएंअभिन्नhttps://www.blogger.com/profile/06944616806062137325noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-344619722474742786.post-40878791360214331372008-12-30T08:04:00.000-08:002008-12-30T08:04:00.000-08:00जबतक पुरानी प्रथाएं रूप बदल बदल कर कायम रहेंगी बधू...जबतक पुरानी प्रथाएं रूप बदल बदल कर कायम रहेंगी बधू कितनी ही पढ़ लिख जाय आत्म निर्भर हो जाय -शराबी पती से शादी नकार दे -बरात लोटादे मगर वर माला वर माला ही कहलायेगी शायद वह बधू माला कभी नहीं कहला पाएगी YAHI HAQIKAT HAI PAR HAMARA SAMZ KAB BADLEGA.........warmala tabhi war mala kahi jane ke layak jab wakyee me war aisa ho ki wadhu ko apni ardhangini mane daasi banane ke liye warmal nahi SHOEW mala honi chahiyeAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/07119982748352922574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-344619722474742786.post-39802623516428376202008-12-29T19:00:00.000-08:002008-12-29T19:00:00.000-08:00... प्रसंशनीय लेख।... प्रसंशनीय लेख।कडुवासचhttps://www.blogger.com/profile/04229134308922311914noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-344619722474742786.post-74811061899986677442008-12-29T10:25:00.000-08:002008-12-29T10:25:00.000-08:00नया वर्ष मंगलमय हो !नया वर्ष मंगलमय हो !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-344619722474742786.post-55882333289928222802008-12-28T09:22:00.000-08:002008-12-28T09:22:00.000-08:00ब्रजमोहन जी, आपने बहुत ही प्रभावी व्यंग्य लिखा है....ब्रजमोहन जी, आपने बहुत ही प्रभावी व्यंग्य लिखा है. खासकर नीचे की पंक्तियाँ तो हर विवाह समारोह में बार-बार दोहराने लायक हैं:<BR/>सीता जी ने राम को वरमाला डाली थी =हमने कहा श्रीमान वह वरमाला नही थी वो तो जय माला थी = इस माला का पाँच वार जिक्र आया है और कहीं भी बाबाजी ने वरमाला शब्द का प्रयोग नहीं किया हैSmart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-344619722474742786.post-36378893956040010442008-12-28T04:28:00.000-08:002008-12-28T04:28:00.000-08:00काफी संजीदगी से आप अपने ब्लॉग पर विचारों को रखते ह...काफी संजीदगी से आप अपने ब्लॉग पर विचारों को रखते हैं.यहाँ पर आकर अच्छा लगा. कभी मेरे ब्लॉग पर भी आयें. ''युवा'' ब्लॉग युवाओं से जुड़े मुद्दों पर अभिव्यक्तियों को सार्थक रूप देने के लिए है. यह ब्लॉग सभी के लिए खुला है. यदि आप भी इस ब्लॉग पर अपनी युवा-अभिव्यक्तियों को प्रकाशित करना चाहते हैं, तो amitky86@rediffmail.com पर ई-मेल कर सकते हैं. आपकी अभिव्यक्तियाँ कविता, कहानी, लेख, लघुकथा, वैचारिकी, चित्र इत्यादि किसी भी रूप में हो सकती हैं......नव-वर्ष-२००९ की शुभकामनाओं सहित !!!!Amit Kumar Yadavhttps://www.blogger.com/profile/13738311398018201654noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-344619722474742786.post-76729080668583777922008-12-27T07:32:00.000-08:002008-12-27T07:32:00.000-08:00प्रभु जी,पहले तो साहस जुटाना पड़ा कि कुछ लिखा या कह...प्रभु जी,<BR/><BR/>पहले तो साहस जुटाना पड़ा कि कुछ लिखा या कहा जाय इस व्यंग्य के बारे में / इसमें वर्णित रस्मों / रिवाजों / रूढियों के बारे में.<BR/><BR/>एक क्न्या की माँ की विवशता को कि वह वर की खोज के साथ ही वो जेवर खोजने लगती है बेचने के लिये शायद यह दोनों परस्परिक निर्भर सी प्रक्रिया जान पड़ती है / वरमाला के माध्यम से क्या खूब दर्शाया है.<BR/><BR/>रामचरित मानस की इतनी गहरी जानकारी.<BR/><BR/>बस, प्रणाम और कुछ नही.<BR/><BR/>मुकेश कुमार तिवारीमुकेश कुमार तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/04868053728201470542noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-344619722474742786.post-16830713528561598252008-12-27T00:30:00.000-08:002008-12-27T00:30:00.000-08:00काफी बढ़िया पोस्ट लिखा है आपने, मजा आ गया, आभारकाफी बढ़िया पोस्ट लिखा है आपने, मजा आ गया, आभारराजीव करूणानिधिhttps://www.blogger.com/profile/01438700014693467726noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-344619722474742786.post-88083243755985280522008-12-26T03:07:00.000-08:002008-12-26T03:07:00.000-08:00बहुत बढ़िया---चाँद, बादल और शामhttp://prajapativin...बहुत बढ़िया<BR/><BR/>---<BR/>चाँद, बादल और शाम<BR/>http://prajapativinay.blogspot.com/Vinayhttps://www.blogger.com/profile/08734830206267994994noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-344619722474742786.post-56477684198434352942008-12-26T00:52:00.000-08:002008-12-26T00:52:00.000-08:00achhi bakhiya udheri hai apne fijul shadike rasmo ...achhi bakhiya udheri hai apne fijul shadike rasmo ki.Vineeta Yashsavihttps://www.blogger.com/profile/10574001200862952259noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-344619722474742786.post-80616050012334254162008-12-25T22:16:00.000-08:002008-12-25T22:16:00.000-08:00देव याचक अग्नि की -योगी एकांत की -रोगी चिकित्सक की...देव याचक अग्नि की -योगी एकांत की -रोगी चिकित्सक की -जमाखोर भाव ब्रद्धि की -भयभीत रक्षक की खोज में निरंतर रहता है उसी प्रकार सयानी लडकी का बाप वर की तलाश में निरंतर रहता है / सुंदर पंक्तिया लिखी है / अब वक्त आ गया है नारी जाति के जागने का और जिस दिन नारी जागेगी उस दिन से वरमाला के बजाय वधुमाला ही डाली जावेगी / सटीक व्यंग है धन्यवाद !sanjay jainhttps://www.blogger.com/profile/01051574076894142525noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-344619722474742786.post-64148505397766544992008-12-25T09:26:00.000-08:002008-12-25T09:26:00.000-08:00Srivastav ji,Apne varmala..Vadhoomala ..ke madhyam...Srivastav ji,<BR/>Apne varmala..Vadhoomala ..ke madhyam se samaj kee ek kamjor nas par hamla,aur karara vyangya kiya hai.Badhai.<BR/>Hemant Kumarडा0 हेमंत कुमार ♠ Dr Hemant Kumarhttps://www.blogger.com/profile/03899926393197441540noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-344619722474742786.post-85612107845772179932008-12-25T07:22:00.000-08:002008-12-25T07:22:00.000-08:00अद्भुत आलेख है बृजमोहन जी...आपके विवेचन और आपके अ...अद्भुत आलेख है बृजमोहन जी...आपके विवेचन और आपके अलौकिक ग्यान-भंडार से तो पहले से ही चमत्कृत हूँ<BR/><BR/>वरमाला का ये दूसरा पक्ष और उसकी इतनी बेमिसाल प्रस्तुती ...रोचक और विवेकानंद जी के कथन ने तो सोचने पर विवश कर दिया है.हा ! हा!!गौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-344619722474742786.post-30109591398406608072008-12-25T03:39:00.000-08:002008-12-25T03:39:00.000-08:00सिर्फ़ निभाने के नाम पर ढोई जा रही रस्मों पर अच्छी...सिर्फ़ निभाने के नाम पर ढोई जा रही रस्मों पर अच्छी टिप्पणी की है आपने.अभिषेक मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07811268886544203698noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-344619722474742786.post-39449475776257362112008-12-25T03:22:00.000-08:002008-12-25T03:22:00.000-08:00जबतक पुरानी प्रथाएं रूप बदल बदल कर कायम रहेंगी बधू...जबतक पुरानी प्रथाएं रूप बदल बदल कर कायम रहेंगी बधू कितनी ही पढ़ लिख जाय आत्म निर्भर हो जाय -शराबी पती से शादी नकार दे -बरात लोटादे मगर वर माला वर माला ही कहलायेगी शायद वह बधू माला कभी नहीं कहला पाएगी .......bahut sahi vyangyatmak lekh,hasya,kataksh........sabkuch haiरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-344619722474742786.post-33428920427559494582008-12-25T02:02:00.000-08:002008-12-25T02:02:00.000-08:00सटीक विवरण,,,,,,,,पहले खंड से वरमाला माने की जयमाल...सटीक विवरण,,,,,,,,पहले खंड से वरमाला माने की जयमाला का आँखों देखा विवरण...कुर्सियों की अदला बदली बड़े अच्छे तरीके से पेश की आपने| लिफाफे के ऊहापोह, जयमाला और वरमाला का फेर, से आपने सोचने पर विवश कर दिया है, कहाँ तक हम ढोते रहेंगे ये बोझ|sshttps://www.blogger.com/profile/10746526495871896780noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-344619722474742786.post-38533449123638020412008-12-25T01:52:00.000-08:002008-12-25T01:52:00.000-08:00लेख में हास्य, व्यंग्य और विचार तीनों ही मौजूद हैं...लेख में हास्य, व्यंग्य और विचार तीनों ही मौजूद हैं. आप का ब्लॉग दमदार लग रहा है. साधुवाद.hem pandeyhttps://www.blogger.com/profile/08880733877178535586noreply@blogger.com