tag:blogger.com,1999:blog-344619722474742786.post470084317092313199..comments2023-11-07T21:28:20.513-08:00Comments on S H A R D A: अन्ध विश्वासBrijmohanShrivastavahttp://www.blogger.com/profile/04869873931974295648noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-344619722474742786.post-64758308389198996832009-12-16T11:43:16.465-08:002009-12-16T11:43:16.465-08:00लाजवाब पोस्ट.... बिल्कुल सीधे तरीके से(जलेबी के जै...लाजवाब पोस्ट.... बिल्कुल सीधे तरीके से(जलेबी के जैसे) बात कह जाने की कला में तो आप उस्ताद है..:)<br />रही बात अन्धविश्वास की तो मेरा तो ये मानना है कि अन्धविश्वास सदैव किसी न किसी सत्य की छाया ही होता है...हमें छाया की उपेक्षा तो अवश्य करनी चाहिए किन्तु साथ ही साथ उसमें छिपे सत्य को भी सामने लाने का प्रयास करना चाहिए ।Pt. D.K. Sharma "Vatsa"https://www.blogger.com/profile/05459197901771493896noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-344619722474742786.post-66009099623274443992009-12-15T06:22:31.970-08:002009-12-15T06:22:31.970-08:00... बहुत खूब !!!!... बहुत खूब !!!!कडुवासचhttps://www.blogger.com/profile/04229134308922311914noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-344619722474742786.post-31009656226669637252009-12-14T08:25:46.879-08:002009-12-14T08:25:46.879-08:00इतने ब्लॉग पढ़े मगर आप जैसा न मिला. मज़ा आ गया. बात ...इतने ब्लॉग पढ़े मगर आप जैसा न मिला. मज़ा आ गया. बात भी कह डाली और रोचकता भी बनी रही.Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-344619722474742786.post-45565856526521771812009-12-13T09:18:22.741-08:002009-12-13T09:18:22.741-08:00कैसे हैं वकील साब?
आज एक लंबे अंतराल के बाद आना ह...कैसे हैं वकील साब?<br /><br />आज एक लंबे अंतराल के बाद आना हो रहा है मेरा। गलती मेरी ही है। अपने ब्लौग का टेम्पलेट जब बदला तो आपका लिंक गुम गया।<br /><br />आज ही पहले हंस में आपके बेमिसाल हाइकु पढ़े और फिर पाखी में आपका बखिया उधेड़ता हुआ खत।गौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-344619722474742786.post-53000827590331238212009-12-10T05:01:55.051-08:002009-12-10T05:01:55.051-08:00bhaisaheb,
kya likhu, jabardast lekhan aour saarth...bhaisaheb,<br />kya likhu, jabardast lekhan aour saarthk baate..us par tippani karu..,<br />par sirf ek baat aapse kahunga yaa poochhunga..\ANDHVISHVAAS me sirf ek jagah kartaa hu aour vo ishvar par.., kyoki me maantaa hu ishvar par hi aap andhvishvaas kar sakte he aour usike maadhyam se uska anubhav kar sakte he.., ynha me andhvishvaas ko vishvaas ki ati se hi jod rahaa hu..,kher..is sandarbh me bhi jaroor likhiyega..kabhi..taaki mujhe padhhne ko mile..aour samajhne ko bhi...अमिताभ श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/12224535816596336049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-344619722474742786.post-17922927560473901142009-12-09T00:26:35.180-08:002009-12-09T00:26:35.180-08:00SEARCH AND RE-SEARCH के बीच का अंतर भी ऐसा ही है ....SEARCH AND RE-SEARCH के बीच का अंतर भी ऐसा ही है .......जिसकी RESEARCH हो चुकी है वो स्थापित हो गया है जिसकी खोज नही हो सकी वो अंधविश्वास है .......... मुझे लगता है विश्वास और अंधविश्वास की परिभाषा SAMAY के साथ साथ बदलती जाती है ......... <br />आपका लेख बहुत ही सुलझा हुवा है ....... लाजवाब सर ............दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-344619722474742786.post-57462622388095365642009-12-08T10:42:01.950-08:002009-12-08T10:42:01.950-08:00sahi farmaya aapne andhvishwash bhi kai kism ke ho...sahi farmaya aapne andhvishwash bhi kai kism ke hote hai aur is jaal se nikalna bhi mushkil hai .alpana ji ki baate mere vicharo se kafi mel kha rahi hai ,aur unki baton se main bhi poori tarah sahmat hoon .ज्योति सिंहhttps://www.blogger.com/profile/14092900119898490662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-344619722474742786.post-2338275750961704492009-12-08T05:17:02.466-08:002009-12-08T05:17:02.466-08:00MAJEDAAR LAJJATDAAR POST !! AANAND AAYA PADHKAR !!...MAJEDAAR LAJJATDAAR POST !! AANAND AAYA PADHKAR !!रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-344619722474742786.post-45516192351296731812009-12-05T23:45:43.434-08:002009-12-05T23:45:43.434-08:00आपकी शैली बेहद रोचक है। पूरा पढ़ गया।
"कल तल...आपकी शैली बेहद रोचक है। पूरा पढ़ गया। <br />"कल तलक सुनते थे वो विस्तर पे हिल सकते नही<br />आज ये सुनने मे आया है कि वो तो चल दिये।"<br />ऐसे-ऐसे हसीन कोटेशन से आपने अपने लेख में चार चांद लगा दिया है।<br />एक कमी भी नज़र आती है...<br />कभी-कभी लगता है कि आप मूल विषय से भटक रहे हैं।<br />..अंधविश्वास के शिकार हम आज भी होते हैं<br />ऐसे लेखों की समाज को अत्यधिक आवश्यकता है।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-344619722474742786.post-61535132537868417722009-12-04T09:50:59.184-08:002009-12-04T09:50:59.184-08:00ओशो से किसी ने पूछा बिल्ली रास्ता काटे तो क्या समझ...ओशो से किसी ने पूछा बिल्ली रास्ता काटे तो क्या समझना चाहिये । बोले-यही समझना चाहिये कि बिल्ली कहीं जा रही है ।बात खत्म.<br />-------------<br />विश्वास और अन्धविश्वास के मध्य कोई विभाजन रेखा खीचना मुश्किल है ,एक का अन्धविश्वास दूसरे का विश्वास हो सकता है.<br />-----------------<br /> यूँ तो कुछ बातें कभी कभी आश्चर्यचकित करती है .लगभग हर मानव का मन ही ऐसा है ऐसे मामलों में अक्सर विवेकी निर्णय कर पाने में शंकित रहता है.अगर कोई विशेष घटना बार बार होने लगे तो इत्तेफ़ाक़ ना मान कर उसे विश्वास का रूप देने लगता है.<br />-अंधविश्वास पर से विश्वास अब हटने लगा है.लेकिन दुख की बात है की इस तरह की बातों के उन्मूलन में सहयोग देने के स्थान पर मीडीया संबंधित vigyapano ka प्रचार कर रही है.यह भी एक तरह का व्यवसाय बन गया है.<br />आप का लेख इस दिशा में सोचने पर मजबूर करता है,की कैसे हम इस दिशा में अपना सकारत्मक योगदान दे सकें.Alpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-344619722474742786.post-52794834053216832782009-12-04T08:15:36.065-08:002009-12-04T08:15:36.065-08:00ब्रज मोहन जी आप का लेख पढा, ओर पढा ओर फ़िर पढा ओर फ़...ब्रज मोहन जी आप का लेख पढा, ओर पढा ओर फ़िर पढा ओर फ़िर पढा, धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-344619722474742786.post-36251683809582094902009-12-04T06:36:02.181-08:002009-12-04T06:36:02.181-08:00ब्रजमोहन जी,
आपका ईमेल पता ना होने के कारण आपके ब्...ब्रजमोहन जी,<br />आपका ईमेल पता ना होने के कारण आपके ब्लॉग पर आना पड़ा। मेरे ब्लॉग पर मेरी कविता पर टिप्पणी देने के लिए धन्यवाद। देना चाहता था।<br />आपका ब्लॉग भी देखा रोचक लगा। आशा है निरन्तर कुछ ना कुछ पढ़ने को मिलता रहेगा।<br />पुनः धन्यवाद।<br />प्रमोद ताम्बट<br />भोपाल<br />www.vyangya.blog.co.im<br />www.vyangya.blogspot.comप्रमोद ताम्बटhttps://www.blogger.com/profile/03951685009971991305noreply@blogger.com