tag:blogger.com,1999:blog-344619722474742786.post6913544944188919503..comments2023-11-07T21:28:20.513-08:00Comments on S H A R D A: बहनों कुछ तो पहनोBrijmohanShrivastavahttp://www.blogger.com/profile/04869873931974295648noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-344619722474742786.post-86420496418225491232008-10-19T04:42:00.000-07:002008-10-19T04:42:00.000-07:00आजकल यह बातें कोई नही सुनना चाहता भाई जी !आजकल यह बातें कोई नही सुनना चाहता भाई जी !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-344619722474742786.post-57711818346138574392008-10-15T04:20:00.000-07:002008-10-15T04:20:00.000-07:00जबर्दस्त कटाक्ष है.एकदम सत्य और सही लिखा है .बढ़िय...जबर्दस्त कटाक्ष है.एकदम सत्य और सही लिखा है .बढ़िया व्यंग्य है.लिखते रहें.रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-344619722474742786.post-57938812424037243772008-10-14T04:30:00.000-07:002008-10-14T04:30:00.000-07:00"अब कुछ तो आचरण ऐसे हों ,गौतम नानक का देश लगे"......."अब कुछ तो आचरण ऐसे हों ,गौतम नानक का देश लगे"..... बहुत प्रभावशाली रचना है। <BR/>... समय अभाव के कारण नया लिखने मे विलम्ब हो जाता है किंतु आपके विशेष आग्रह पर 1-2 दिन पूर्व कुछ नया "सम्भोगमुद्रा ही शिवलिंग है !" लिखकर प्रकाशित किया है, कृपया पहुचें / पढें / आनंदित हों / आत्मसात करें।कडुवासचhttps://www.blogger.com/profile/04229134308922311914noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-344619722474742786.post-79122568275020492782008-10-14T01:58:00.000-07:002008-10-14T01:58:00.000-07:00बंद मिलें फिर चालू हों ,भूंकों को कुछ व्यबसाय मिले...बंद मिलें फिर चालू हों ,भूंकों को कुछ व्यबसाय मिले<BR/>भारत की प्यारी बसुधा पर ,फिर कपास के फूल खिले<BR/>तपोभूमि पर देवभूमि पर,देवी का कुछ तो बेश लगे<BR/>अब कुछ तो आचरण ऐसे हों ,गौतम नानक का देश लगे<BR/><BR/><BR/>bahut khoob likha hai aapne brijmohan ji. badhai sweekaren<BR/>www.merakamra.blogspot.comManuj Mehtahttps://www.blogger.com/profile/12578930117506914122noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-344619722474742786.post-4220567735882374432008-10-13T21:25:00.000-07:002008-10-13T21:25:00.000-07:00आपको लगता है की समाज की ५ प्रतिशत लड़कियां जो कम क...आपको लगता है की समाज की ५ प्रतिशत लड़कियां जो कम कपड़े पहनती हैं....वें यह कविता पढ़ कर अपनी गलती का एहसास कर लेंगी ? और उन बाकी ९५ प्रतिशत लड़कियों का क्या जो पूरे कपड़े पहने हुए भी भोग की वस्तु बनीं रहती है......कभी पति के हाथ शासन का शिकार , कभी गावों में अनपढ़ पंचायत का शिकार या कभी रात को नौकरी से देर से आने के जुर्म में दुर्गति का शिकार......arthttps://www.blogger.com/profile/12939686404150553798noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-344619722474742786.post-30611260982807715282008-10-12T23:48:00.000-07:002008-10-12T23:48:00.000-07:00बहुत ही करारा तमाचा लगाया है,मन खुश हो गया...........बहुत ही करारा तमाचा लगाया है,<BR/>मन खुश हो गया.........<BR/>भारतीय पहनावे की मिसाल दी जाती थी<BR/>अब ! विदेशी स्टाइल का नज़ारा है !<BR/>.... माना कि देश संकट में है ,नदियों की बाढ़ सुनिश्चित है<BR/>हम सब का त्याग भी बाजिब है ,<BR/>पर इतना त्याग क्या जायज़ है , ......<BR/>इसे कहते हैं कलम की ताकत !रश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-344619722474742786.post-88691191771032952372008-10-12T09:55:00.000-07:002008-10-12T09:55:00.000-07:00श्रीवास्तव जी कमाल का लेखन है आपका व्ययंग के माध्य...श्रीवास्तव जी कमाल का लेखन है आपका व्ययंग के माध्यम से जो सन्देश देते हो बहुत प्रभावशाली है ...कृष्ण जी के दर्शन ,कपास के फूल आदि की कामना और आज की नारी के कम होते वस्त्र ,बहुत गहरी सोच और विचारधारा के व्यक्ति हो आप <BR/>हम सब का त्याग भी बाजिब है ,<BR/>पर इतना त्याग क्या जायज़ है<BR/>.........कसा हुआ व्ययंग ,प्रभाव शाली लेखन <BR/>धन्यवाद इतना अच्छा लिखने के लिए और हम जैसे अपरिपक्कव लोगों को पढने और हृदय से उत्साह वर्धन के लिएअभिन्नhttps://www.blogger.com/profile/06944616806062137325noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-344619722474742786.post-1995630775463182432008-10-12T08:29:00.000-07:002008-10-12T08:29:00.000-07:00(०।०) (_)(०।०)<BR/> (_)परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-344619722474742786.post-91958109363249721762008-10-12T08:19:00.000-07:002008-10-12T08:19:00.000-07:00gajab kataaksh top rahe, sahi hai bhai lage raho!gajab kataaksh top rahe, sahi hai bhai lage raho!Vinayhttps://www.blogger.com/profile/08734830206267994994noreply@blogger.com