Thursday, December 25, 2008

वर माला बधू माला

देव सोकर जाग चुके हैं लडकी के बाप के चेहरे की झुर्रियों और लड़के के बाप के चेहरे की रौनक बढ़ गई है /लडकी की मां बेचने को जेवर तलाश कर रही है लड़के की माँ रखने लौकर साफ़ कर रही है /एक की हैसियत और दूसरे का स्तर प्रकट हो रहा है /यह तो होता ही आया है और होता ही रहेगा /चलो अपन एक वरमाला कार्यक्रम देखे /
अपनी आर्थिक स्थिति से अधिक खर्च करके बनवाये गए विशाल मंच पर दो सिंहासन नुमा कुर्सियों के सामने सजा दूल्हा और ब्यूटी पार्लर से सुसज्जित करा कर लाई गई दुल्हन अत्यन्त सुंदर बडे बडे हार लिए खड़े हैं =वर अपने निजी और ख़ास मित्रों की सलाह पर हार डलवाने , झुकने को तैयार नहीं =दोस्त कहते है बेटा आज झुक गया तो जिंदगी भर झुकना पडेगा = भला पत्नी के सामने कौन जिन्दगी भर झुका रहना चाहेगा =तो वह और भी तन कर खडा हो जाता है - बधू की परेशानी स्वभाबिक है =मालायें ड्लती हैं तालियाँ बजती हैं कैमरा मेन ठीक वक्त पर तस्वीर नहीं ले पाता =कैमरा मैन के यह बतलाने पर की वह चित्र नहीं ले पाया है पुन मालायें उतारी जाती हैं पहनाई जाती हैं कैमरा का फ्लश चमकता है -अबकी बार तालियाँ नहीं बजती हैं =
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दूल्हा दुल्हन कुर्सियों पर बैठ जाते हैं एक महिला आकर कहती है गलत बैठ गए लडकी को बायीं और बिठाओ -पोजीशन बदल जाती है =लडकी का चाचा आजाता है कहता है ठीक बैठे थे बायीं तरफ लडकी फेरों के बाद बैठती है - कुर्सियों पर दूल्हा दुल्हन फिर बदल जाती हैं - मैं अपने आप से कहता हूँ ठीक है कैसे भी बैठ जाओ क्या फर्क पड़ता है क्यों फिजूल में नाटक कर रहे हो =
मंच पर वर माला का कार्यक्रम समाप्त हो गया में जिज्ञासा प्रकट करता हूँ मंच पर वर माला का कार्यक्रम समाप्त हो गया में जिज्ञासा प्रकट करता हूँ इस कार्यक्रम का नाम वरमाला क्यों है बधू माला क्यों नहीं है दोनों ही तो एक दूसरे को माला पहनाते हैं तो वरमाला ही क्यों दहते कहते हैं हमारे जमाने में तो यह कार्यक्रम नहीं होता था - पास की कुर्सी पर एक ब्रद्ध सज्जन पान की जुगाली करते हुए बोले =अजी जनाब यह दस्तूर बहुत पुराना है राजा रामचंद्र के जमाने से वरमाला का कार्यक्रम होता चला आरहा है सीता जी ने राम को वरमाला डाली थी =हमने कहा श्रीमान वह वरमाला नही थी वो तो जय माला थी = इस माला का पाँच वार जिक्र आया है और कहीं भी बाबाजी ने वरमाला शब्द का प्रयोग नहीं किया है सुनिए ==कर सरोज जैमाल सुहाई =फिर =पहिरावाहू जयमाल सुहाई == और ==सिय जयमाल राम उर मेली = तथा रघुवर उर जयमाल =तथा ससिहि सभीत देत जयमाला = बताइये इसमें वरमाला शब्द कहाँ है =

वे पान चवाने में मशगूल थे में चालू रहता हूँ =राम ने तो वीरता का काम किया था =बल शोर्य और पराक्रम की पूजा होती आयी है जयमाला ऐसे ही लोगों के हिस्से में आती है विवेकानंद कहते थे जिस युवक में लडकी को गोद में उठा कर एक मील दौड़ लगाने की क्षमता हो उसी को शादी करना चाहिए =इन दूल्हा दुल्हन को देखो -कपडों से पहिचाने जा रहे हैं =एक से कपडे पहिना दिए जायें तो पता ही न चले की कौन दूल्हा कौन दुल्हन =और यह लड़का जरा हालत देखो इसकी शादी के तीन साल बाद खिलौना फ़िल्म का गाना गायेगा =की में चल भी नहीं सकता हूँ और तुम दोडे जाते हो =
वे शायद बोर हो रहे थे सो लिफाफा निकाल दूल्हा दुल्हन को आशीर्वाद देने चले , में भी लिफाफा टटोलने लगा जिसमें बड़े अहत्यात से एक सो एक रुपे रखे थे बार बार दिमाग में यही विचार आ रहा था की इनसे पांच छे किलो गेहूं आजाता तो आठ दस दिन निकल जाते =पंडितों को पन्द्रह तारीख के बाद व्याह की लग्न निकालना ही नहीं चाहिए =क्या ही अच्छा होता की चार माह तक लगातार सोने की वजाय देव हर माह की पन्द्रह से तीस तारीख तक सोते तो उन्हें भी दो माह का अतिरिक्त विश्राम मिल जाता और हमें लिफाफा रूपी आशीर्वाद देने के लिए अपने मित्रों से आजीवन रिनी रहने के लिए कर्ज़ न लेना पड़ता =यह नितांत सत्य है की पहली तारीख को शादी होगी तो दूल्हा दुल्हन को अधिक आशीर्वाद मिलेगा
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जैसे देव याचक अग्नि की -योगी एकांत की -रोगी चिकित्सक की -जमाखोर भाव ब्रद्धि की -भयभीत रक्षक की खोज में निरंतर रहता है उसी प्रकार सयानी लडकी का बाप वर की तलाश में निरंतर रहता है =वर यानी दूल्हा उस शादी वाले दिन राजा होता है तभी उसे दूल्हा राजा कहा जाता है == पुराने जमाने में राजा दूसरे कमजोर राज्य पर आक्रमण करता था और राजकुमारी से विवाह करता था आज भी दूल्हा राजा है आक्रामक है बाराती उसके सैनिक है सब वोही रस्मो रिवाज़ वह हथियार रखता है कटार के रूप में -तोरन मारता है -आक्रमण और लूट का सीधा सम्बन्ध है वह दहेज़ लूटता है -लडकी का बाप दुर्वल राज्य का प्रतीक है -पहले रणभेरी तुरही शंख बजते थे आज डिस्को बजता है -पहले युद्ध जीतने के पश्तात सेनिक जश्न मनाते थे आज बाराती नाचते गाते पहले जश्न मनाते है क्योंकि यह तो तय है की युद्ध जीत लिया गया है लडकी के बाप ने पहले ही आत्मसमर्पण कर दिया है अपनी पगड़ी लडके के बाप के चरणों में रख दी है

जबतक पुरानी प्रथाएं रूप बदल बदल कर कायम रहेंगी बधू कितनी ही पढ़ लिख जाय आत्म निर्भर हो जाय -शराबी पती से शादी नकार दे -बरात लोटादे मगर वर माला वर माला ही कहलायेगी शायद वह बधू माला कभी नहीं कहला पाएगी

Tuesday, December 23, 2008

नानी

नानी
नहीं सुनाती कहानी

दिन रात काम करती
जली कटी बातें सुनती

कभी बुआ की कभी पापा की
कभी दादी की कभी चाचा की
शिवजी ने पिया एक बार
नानी पीती है बार बार

है जर्जर पर काम बहुत करती है
तभी तो नानी हमारे पास रहती है
मजबूरी का नाम है नानी है
नानी ख़ुद है एक कहानी
इसीलिये नानी नहीं सुनाती कहानी

Monday, December 15, 2008

१२ दिसम्बर की पोस्ट का जवाब

ये क्या मुझको धक्का देंगे ,एक हाथ का जिगर चाहिए
हाँ वैसे छोटे जीवन में कुछ मजाक कर लेना चाहिए

आफिस में डांट खाते घर आकर झल्लाते
काक्रोच दिख जाए तो पलंग पर चढ़ जाते
चोर से डरते भूत से डरते
मुझे जगा लाईट जलवाते
बाथरूम तक तो अकेले जा नही पाते

सहेलियां मिलती हैं और पूछती हैं मुझसे
कहो बहिन तुम कैसी हो
मै कहती हूँ अच्छी हूँ
फिर पूछती बच्चे कैसे ,मै कहती हूँ अच्छे हैं
इनका पूछें तो कहती हूँ "न होने से अच्छे हैं

भूंखे मगरमच्छ को देखा ,पूछो इनसे
इनके कपड़े धोये किसने

एक दिन तो होना ही है
उस दिन ही निर्णय हो जाता
भूंखे मगरमच्छ के आगे
एक मामला तय हो जाता

काश साथ में मै होती

Friday, December 12, 2008

मज़ाक , नहीं , सीरियस

सुविधा संतुलन और वर्तमान परिस्थितियों के मद्देनजर शीर्षक में के दो कोमा में से एक हटाने की सुविधा /

कलकल करती नदी
किनारे, चट्टानें, बन, पेड़, पहाड़
शीतल छाँव घनेरी

काश -साथ में तुम होतीं

पल्लव रंगविरंगे
पक्षीदल की चहक सुहानी
शीतल मंद समीर

काश -साथ में तुम होतीं

नदी में मगरमच्छ मुंहफाड़े
तड़पते भूंखे बेचारे
द्रवित मन मेरा
किसको अब में धक्का मारूं
कैसे उनकी भूंख मिटाऊँ

काश -साथ में तुम होती

Tuesday, December 9, 2008

हां इ कु (हाई इस्पीड कुतर्क )

(१)
पति स्वामी ,सुहाग ,मालिक ,आका ,धनी की दीर्घायु के लिए किया जाने वाला ब्रत

करवा चौथ
साडी दिला वरना
ब्रत तोडूंगी
(2)
life is a zoo in judgle

पति बहरा
बीबी अंधी ,जीवन
सुखी व शांत
(3)
Do not be so open minded your brain fall out
माँ बीबी लड़ें
किसको समझाऊँ
असमंजस
(4)
May be this world is another planet's hell
बॉस ने डांटा
मूरख ,गो तू हैल
मैं घर आया

(५)
जीना है तो शेर की तरह जियो

आटा न दाल
ओढ़ने न बिछाने
मूंछ पे ताव

Wednesday, December 3, 2008

क्यों ?

बृजमोहन -शारदा विद्यालय
प्रथम प्रश्न पत्र पूर्णांक १००

नोट _कोई पाँच प्रश्न हल कीजिये सभी प्रश्नों के अंक सामान है

(१) सुरक्षा व्यवस्था को सुद्रढ़ करने जब सेना है तो (इनकी ) आज्ञा की जरूरत क्यों ?
अथवा
सुरक्षा कर्मियों को मोर्चे पर तैनात करने या कहीं फोर्स भेजने का आदेश देने वाले (ये )कौन ?

(२) ( इनके ) बंगलों में किले जैसी सुरक्षा और सिर्फ़ इन्हे ही बन्दूक धारी सुरक्षा क्यों ?देश का हर नागरिक व्ही आई पी क्यों नहीं ?

(३) "" सुरक्षा नहीं तो टेक्स नहीं ""यह ग़लत विचारधारा और देश की आर्थिक स्थिति को कमज़ोर करने का कुविचार किसके दिल में आया और क्यों ?

(४) शहीद सैनिकों के परिवार को आर्थिक मदद की घोषणा कर वाहवाही लूटने वाले (ये )कौन सेना के पास ऐसा फंड नहीं क्यों ?

(५) प्रदेश जिनके पिताश्री का है उन्होंने हमले में मोर्चा नहीं सम्हाला क्यों ? न इनमें से कोई हताहत हुआ न शहीद हुआ क्यों ?

(६)पिस्टल तकिया के नीचे रख क़र सोने का यह संदेश था और व्यंग्य भी कि अब हमें ही अपनी सुरक्षा करनी पड़ेगी सुरक्षा व्यवस्था से हमारा विश्वास उठ चुका है तो उस का ग़लत आर्थ लगा कर डरपोक बताया आलोचना की गई क्यों ?

(७) ९/११ के बाद अमेरिका की ओर कुद्रष्टि डालने की फिर किसी की हिम्मत नहीं हुई क्यों ?

(८) मानव के सारे अधिकार संबिधान में है अध्याय ७ से १७ तक , तो इन अधिकारों की अधिकता प्रथक से क्यों ?आतंकवादी मानव क्यों ?

(९) देश में तीन सेना अध्यक्ष है ,प्रतिरक्षा बलों का सर्वोच्च सेनापति है तो रक्षा मंत्री प्रथक से क्यों ?

(१) खुफिया एजेंसी किसी दुर्घटना की आशंका की सूचना नेताजी (सरकार ) को देती है सेना अध्यक्ष को नहीं क्यों ?

Monday, December 1, 2008

हाय कहूं

(१)
चाय न खाना
पति भूंका उदास
किटी पार्टी
(२)
काचे मकान
बन गी हवेलिया
पाँच साल में
(३) भाग जायेगी
जायदाद मांगेगी
सती माँ की जै
(४)
आइना देखा
हीरोइन समझा
आइना झूंठा