सुन मेरे यार /अपना ब्लॉग बनाया मैंने ,कोशिश करी हज़ार
आए कुल पाठक दो चार /और पाठक कैसे आयेंगे ?
बोला- लेखन में दम हुआ तो जरूर आयेंगे
सुन मेरे मित्र /ब्लॉग में डाल्दे मेरा इक चित्र
बोला _पछताओगे /दो चार तो आते हैं मुश्किल से
क्या उन्हें भी भगाओगे ?
मेरे प्रिय मित्र ,कर तू ऐसी करनी
मेरी पत्नी सुमुखी,सुलोचनी ,बिधुबदनी
चंद्रमुखी म्रगसावकनयनी
गौर देह लेती अंगडाई / उसका चित्र प्रविष्ट करो
मेरा इतना काम करो
बोला - और ज़्यादा पछताओगे
इस छोटी सी जिंदगी में क्या तुम
इतने कमेंट्स पढ़ पाओगे??
Monday, October 6, 2008
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9 comments:
शुक्रिया बड़े भाई ! बड़े गंभीर मूड में भी हंसा दिया आपने !
वाह साहेब श्रीवास्तव जी मज़ा आ गया गज़ब कर दिया आपने तो शुक्रिया
लो मैं भी आ गई आपके ब्लॉग पर।
Wah..wah
achha kaha....
badhai..
जरदारी ने दे दिया इनको आतंकी नाम |
वरना सब कहते रहे आजादी का काम ||
आज़ादी का लेय नाम जो करें उपद्रव |
उनको शह देते रहे परवेज मुसर्रफ ||
कह शैली कविराय बात ये हुयी है भारी |
हिम्मत सच की आखिर जो हैं जरदारी ||
शैली द्वारा प्रस्तुत समाचार पर यह त्वरित टिप्पणी कैसी लगी ?
शानदार रचना आपके आगमन के लिए धन्यबाद मेरी नई रचना शेयर बाज़ार पढने आप सादर आमंत्रित हैं
कृपया पधार कर आनंद उठाए जाते जाते अपनी प्रतिक्रया अवश्य छोड़ जाए
Ha!ha!ha! bloggeron ko bhi nahi chhora aapne....bahut hi achchhi hasya yukt vyangy rachna. padharen http://hasya-vyangya.blogspot.com http://hindikechirag.blogspot.com
jab kalam me saraswati khud samahit ho to bas likhne ka sukh le...... krishn apni baansuri bajate the to sab mantramugdh aa jate the,
isi tarah saralta se likhen,jinhe shabd aur bhawnaaon ka gyan hai,we aa jayenge.........
aap bahut hi achha likhte hain
वाह ...जबरदस्त व्यंग्य....खूब हंसाने के लिए आभार.
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