Tuesday, December 9, 2008

हां इ कु (हाई इस्पीड कुतर्क )

(१)
पति स्वामी ,सुहाग ,मालिक ,आका ,धनी की दीर्घायु के लिए किया जाने वाला ब्रत

करवा चौथ
साडी दिला वरना
ब्रत तोडूंगी
(2)
life is a zoo in judgle

पति बहरा
बीबी अंधी ,जीवन
सुखी व शांत
(3)
Do not be so open minded your brain fall out
माँ बीबी लड़ें
किसको समझाऊँ
असमंजस
(4)
May be this world is another planet's hell
बॉस ने डांटा
मूरख ,गो तू हैल
मैं घर आया

(५)
जीना है तो शेर की तरह जियो

आटा न दाल
ओढ़ने न बिछाने
मूंछ पे ताव

15 comments:

Vineeta Yashsavi said...

आटा न दाल
ओढ़ने न बिछाने
मूंछ पे ताव

bahut sunder

गौतम राजऋषि said...

हा! हा!!..अच्छा है

विजय तिवारी " किसलय " said...

hriday ko tarangit karne waale hikoo hain
badhaai

रश्मि प्रभा... said...

maza aa gaya

Vinay said...

क्या भई, और कितना गुदगुदाओगे! पेट फूल गया!

Abhishek Ojha said...

बढ़िया !

कडुवासच said...

... छा गये, लगे रहो, ... बहुत सुन्दर।

Satish Saxena said...

"करवा चौथ
साडी दिला वरना
ब्रत तोडूंगी"
बहुत खूब भाई जी !
९० % मामलो में सच है , और पति बेचारे को शीशा दिखा दिया है, हँसते हँसते बड़ी तीखी मार है आपकी !

रंजना said...

हा हा हा ...... लाजवाब,जबरदस्त. हंसा हंसा कर इतनी गहरी बात कह गए.
गंभीर व्यंग्य हाईकू नाकाबिले तारीफ है..

अनूप शुक्ल said...

शानदार! और हायकू प्रयोग करते रहें!

sanjay jain said...

करवा चौथ
साडी दिला वरना
ब्रत तोडूंगी
पति को अप्रत्यक्ष रूप से ब्लैक मेल किया जाने वाला व्रत है '' करवा चौथ ''
आज के भौतिक युग आपने करवा चौथ व्रत के सही महत्तव को बताने का प्रयास किया है / यदि इस हाइकु को ज्यादा से ज्यादा ओरते पढ़े और अंदर छुपे व्यंग्य पर गौर करके सही मायने में करवा चौथ व्रत करें तो पति के लिए तो वह दिन स्वर्ग से ज्यादा सुखकारी होगा / बधाई

मुकेश कुमार तिवारी said...

मजा आ गया.

करवा चौथ और माँ और बीवी शब्दों का सधा हुआ प्रयोग है.

आप से सीखने को मिलता है.

मुकेश कुमार तिवारी

राजीव थेपड़ा ( भूतनाथ ) said...

मजा आ गया.
आटा न दाल
ओढ़ने न बिछाने
मूंछ पे ताव
हा! हा!!..अच्छा है
रश्मि प्रभा said...
maza aa gaya
विनीता यशस्वी said...
आटा न दाल
ओढ़ने न बिछाने
मूंछ पे ताव

bahut sunder
गौतम राजरिशी said...
हा! हा!!..अच्छा है
विनय said...
क्या भई, और कितना गुदगुदाओगे! पेट फूल गया!
shyam kori 'uday' said...
... छा गये, लगे रहो, ... बहुत सुन्दर।
रंजना said...
हा हा हा ...... लाजवाब,जबरदस्त. हंसा हंसा कर इतनी गहरी बात कह गए.
गंभीर व्यंग्य हाईकू नाकाबिले तारीफ है..
अनूप शुक्ल said...
शानदार! और हायकू प्रयोग करते रहें!
मुकेश कुमार तिवारी said...
मजा आ गया.
..............हा..हा..हा..हा..अब मैं क्या इतना गया बीता हूँ...कि मुझे अच्छा ना लगे...अच्छा..अच्छा...अच्छा...बहुत अच्छा....सच्ची-मुच्ची...!!

Manuj Mehta said...

माफ़ी चाहूँगा, काफी समय से कुछ न तो लिख सका न ही ब्लॉग पर आ ही सका.

आज कुछ कलम घसीटी है.

आपको पढ़ना तो हमेशा ही एक नए अध्याय से जुड़ना लगता है. यूँ ही निरंतर लिखते रहिये

sandhyagupta said...

Hamesha ki tarah chutila.