(१)
पति स्वामी ,सुहाग ,मालिक ,आका ,धनी की दीर्घायु के लिए किया जाने वाला ब्रत
करवा चौथ
साडी दिला वरना
ब्रत तोडूंगी
(2)
life is a zoo in judgle
पति बहरा
बीबी अंधी ,जीवन
सुखी व शांत
(3)
Do not be so open minded your brain fall out
माँ बीबी लड़ें
किसको समझाऊँ
असमंजस
(4)
May be this world is another planet's hell
बॉस ने डांटा
मूरख ,गो तू हैल
मैं घर आया
(५)
जीना है तो शेर की तरह जियो
आटा न दाल
ओढ़ने न बिछाने
मूंछ पे ताव
Tuesday, December 9, 2008
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15 comments:
आटा न दाल
ओढ़ने न बिछाने
मूंछ पे ताव
bahut sunder
हा! हा!!..अच्छा है
hriday ko tarangit karne waale hikoo hain
badhaai
maza aa gaya
क्या भई, और कितना गुदगुदाओगे! पेट फूल गया!
बढ़िया !
... छा गये, लगे रहो, ... बहुत सुन्दर।
"करवा चौथ
साडी दिला वरना
ब्रत तोडूंगी"
बहुत खूब भाई जी !
९० % मामलो में सच है , और पति बेचारे को शीशा दिखा दिया है, हँसते हँसते बड़ी तीखी मार है आपकी !
हा हा हा ...... लाजवाब,जबरदस्त. हंसा हंसा कर इतनी गहरी बात कह गए.
गंभीर व्यंग्य हाईकू नाकाबिले तारीफ है..
शानदार! और हायकू प्रयोग करते रहें!
करवा चौथ
साडी दिला वरना
ब्रत तोडूंगी
पति को अप्रत्यक्ष रूप से ब्लैक मेल किया जाने वाला व्रत है '' करवा चौथ ''
आज के भौतिक युग आपने करवा चौथ व्रत के सही महत्तव को बताने का प्रयास किया है / यदि इस हाइकु को ज्यादा से ज्यादा ओरते पढ़े और अंदर छुपे व्यंग्य पर गौर करके सही मायने में करवा चौथ व्रत करें तो पति के लिए तो वह दिन स्वर्ग से ज्यादा सुखकारी होगा / बधाई
मजा आ गया.
करवा चौथ और माँ और बीवी शब्दों का सधा हुआ प्रयोग है.
आप से सीखने को मिलता है.
मुकेश कुमार तिवारी
मजा आ गया.
आटा न दाल
ओढ़ने न बिछाने
मूंछ पे ताव
हा! हा!!..अच्छा है
रश्मि प्रभा said...
maza aa gaya
विनीता यशस्वी said...
आटा न दाल
ओढ़ने न बिछाने
मूंछ पे ताव
bahut sunder
गौतम राजरिशी said...
हा! हा!!..अच्छा है
विनय said...
क्या भई, और कितना गुदगुदाओगे! पेट फूल गया!
shyam kori 'uday' said...
... छा गये, लगे रहो, ... बहुत सुन्दर।
रंजना said...
हा हा हा ...... लाजवाब,जबरदस्त. हंसा हंसा कर इतनी गहरी बात कह गए.
गंभीर व्यंग्य हाईकू नाकाबिले तारीफ है..
अनूप शुक्ल said...
शानदार! और हायकू प्रयोग करते रहें!
मुकेश कुमार तिवारी said...
मजा आ गया.
..............हा..हा..हा..हा..अब मैं क्या इतना गया बीता हूँ...कि मुझे अच्छा ना लगे...अच्छा..अच्छा...अच्छा...बहुत अच्छा....सच्ची-मुच्ची...!!
माफ़ी चाहूँगा, काफी समय से कुछ न तो लिख सका न ही ब्लॉग पर आ ही सका.
आज कुछ कलम घसीटी है.
आपको पढ़ना तो हमेशा ही एक नए अध्याय से जुड़ना लगता है. यूँ ही निरंतर लिखते रहिये
Hamesha ki tarah chutila.
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