(१)
एक दिन कहने लगीं मै ही मिलती हूँ तुमसे लड़ने दफ्तर का गुस्सा उतरने
प्रेम तुमसे
लडूं किसी और से
कहाँ की तुक
(२)
जब कविता समझ में न आई तो लिख दिया बहुत सुंदर
कमेंट लिखा
बहुत ही सुंदर
कविता या मैं
(३)
मै तो बिचारा दफ्तर गया था अटाला खरीदने वाला गली में मेरे मकान के आगे अटाला ,कबाडा ,व्यर्थ ,बेकार ,अनुपयोगी आउट डेटेड ,पुरानी .जीर्णशीर्ण ,जराजीर्ण ,फालतू चीज़ें खरीदने आवाज़ लगा रहा था
कबाडे वाला
दफतर गये हैं
कल आजाना
(4)
दुर्बल काया के कारण हमेशा हीन भावना से ग्रस्त रहा इसलिए
फोटो खिचाओ
हाथी पे शीर्षासन
उल्टा दिखाओ
(५)
मेरे पूर्वज गरीब दयनीय रहे अब मैं सम्रद्ध हूँ
फोटो बनवा
किसी महाराज का
दादाजी बता
(६)
शिक्षा के महत्त्व से भला किसको इनकार है
पी एच डी को
ससपेंड करते
लगा अंगूठा
Thursday, January 15, 2009
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18 comments:
ek-se badhakar ek......har chhand ka apna mazaa hai,par bich me antraal kyun hain
बहुत बढ़िया
तकनीकि ब्लाग पर टिप्पणी करने के लिए जहाँ टिप्पणियों की संख्या दिखाता है वहां चटका लगाये तो पोस्ट के नीचे टिप्प्णी कालम दिखने लगेगा, ऐसा तो सामान्यता होता है, नहीं तो लेख के नाम पर चटका लगा सकते हैं
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आप भारतीय हैं तो अपने ब्लॉग पर तिरंगा लगाना अवश्य पसंद करेगे, जाने कैसे?
तकनीक दृष्टा/Tech Prevue
'पी एच डी को
ससपेंड करते
लगा अंगूठा '
ये करारा !
बहुत दिनों बाद दिखे? सब चंगा ना?
१.) भाई हम भी यही मानते हैं, "लोग" नही मानते!!
२.) अजी आप तो सुंदर हैं ही, हर बार कहना अच्छा नही लगता इसलिए पोस्ट को सुंदर कह लेते हैं!!
३.) हा हा ये अच्छी बात पकड़ी आपने|
४.) नो कॉमेंट्स!
५.) बढ़िया युक्ति है|!
६.) चाँद शब्दों में इतना करार तमाचा पहले नही देखा|
brij mohan ji
namaskaar
haikoo achche ban pade hain
- vijay
फोटो बनवा
किसी महाराज का
दादाजी बता
-bahut अच्छा हाइकु है.
-तीखापन लिए हुए.
-सभी हाइकु अच्छे हैं.
आदरणीय बृजमोहन जी , आपके हाइकू नंबर १.,२, ३ और ६ की प्रतिक्रिया में मेरा प्रथम हाइकू प्रयास
१.
प्रेम मुझसे,
फिर लडाई क्यों?
बताओ जरा?
२.
लो लिख दिया,
कविता है सुंदर,
तूं भी सुंदर.
३.
मनी आर्डर !
आओ डाकिया बाबू,
घर पर हूँ
६.
हूँ अनपढ़,
ससपेंड करूंगा
मै नेता जो हूँ
विनोद श्रीवास्तव
Aap to kafi lambe samay ke baad dikhe. aur kya khub dikhe.
bahut achha
प्रेमिका, ब्लोगर और नेता सबको लपेटने के लिए और चेहरे पर मुस्कराहट ला देने के लिए साधुवाद.
सुंदर हाइकू कवितायें तीखे व्यंग मज़ा आ गया श्रीवास्तव जी धन्यबाद
Pradeep Manoria
http://manoria.blogspot.com
http://kundkundkahan.blogspot.com
Bahut teekhee mar kar rahe hain apke haiku.Lekin target kaun hain?
Ap ya shreematee ji....
Badhiya haiku. badhai.
Hemant Kumar
क्या खूब कही है. मजेदार.
Hamesha ki tarah tikhi..
बृज मोहन जी मेरे मित्र विनोद जी ने कम अधूरा छोड़ दिया था ,पूरा कर रहा हूँ .
४.केवल फोटो ही दिखानी है तो ये भी चलेगा .........
मुंडी अपनी
आमिर के धड पे
क्या फोटो है !.
५ वही फोटो चलेगा ,बस ये कहिये ...........
मेरे दादाजी
दीन की भूमिका में
क्या एक्टर थे !
... बहुत सुन्दर , मजा आ गया।
wah brij ji wah
kya khoob likha hai, satik aur mazedaar. shabdon ke arth bahut hi sahi.
very impressive
प्रेम तुमसे
लडूं किसी और से
कहाँ की तुक
is baar to ek se badh k ek hayku taiyar ki hai ....maja aa gaya...udasi our tanav me 2 pal hansana to hua.......really ...badhayee ho........
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