हाइकू या हायकूं का नियम पता चला पहली और तीसरी लाइन में पांच और दूसरी में सात अक्षर होने चाहिए /हाइकू लिखा (५)जैसा निदेश मिला (७) पालन किया (५) /कोशिश की /
(१)
पोंछा लगाया
अदा की अदा हुई
काम का काम
(२)
तू तू न मैं मैं
कोई चार्म नहीं है
ऐसे जीने में
(३)
कविता सुनी
समझ में न आई
वीन बजाई
(४)
जमीन पैसा
मार दिया बूढी को
डायन जो थी
Tuesday, November 25, 2008
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21 comments:
हमेशा की तरह बहुत बढिया श्रीवास्तव जी आप तो गज़ब करते हो छोटी छोटी बातें और बड़ी बड़ी सीख
some from me too
हो प्याला गर गरल भरा भी
तेरे हाथों से पी जाऊं
या मदिरा का प्याला देना
मैं उसको भी पी पाऊँ
प्यार रहे बस अमर हमारा
मैं क्यों न फ़िर मर जाऊं
भइया, धांसू लेखन है थोड़े में बहुत कुछ...
वाह बहुत खूब लिखा है आपने.
नमस्कार, उम्मीद है की आप स्वस्थ एवं कुशल होंगे.
मैं कुछ दिनों के लिए गोवा गया हुआ था, इसलिए कुछ समय के लिए ब्लाग जगत से कट गया था. आब नियामत रूप से आता रहूँगा.
बहुत सुन्दर क्षणिकाएं हैं ।
जमीन पैसा
मार दिया बूढी को
डायन जो थी
वाह क्या बात है आपके हाय क्यूं में!बहुत बढिया!
श्री वास्तव सा. क्या बात कही है / लोगों की '' तू तू मैं मैं '' में नहीं वसुधैव कुटुंब की भावना होने पर ही जीवन का उद्धार सम्भव होगा तभी प्राणी मात्र का कल्याण संभव है / जीवन है पानी की बूंद कब मिट जावे रे होनी अनहोनी कब क्या घाट जावे रे /
हाइकु के भावों को खूबसूरती से उभारा है आपने. बधाई.
भड़ास पर लिखी पोस्ट से मिलती-जुलती पोस्ट मैंने अपने ब्लॉग पर भी लिखी है. आप वहां भी आ सकते हैं या मुझे मेल भी कर सकते हैं.(abhi.dhr@gmail.com)
बहुत सुंदर !
वाह सर जी क्या बात है...चंद शब्दों में इतना कुछ
और हाइकू से परिचय के लिये भी धन्यवाद.मैं कई दिनों से विचार रहा था इस की जानकारी इकट्ठा करने की
जबसे नियम पता चला है मेरा भी मन कुलबुला रहा है :-) बढ़िया लिखा है आपने. बधाई.
4-4 line mai hi bahut kuchh likh gaye aap. achh laga
bahut khub ...kam shabho me bahut kuch
पोंछा लगाया
अदा की अदा हुई
काम का काम
Sarey hi bahut achche lagey magar ye muskaan bhi de gayi! Good ones!
Aapne jo Sher aur English kavita mere blog per padhi wo meri nahin thi. Poet ka naam likha hai neechey! Main unhee s iltijaa karoongi ke She'r ka matlab tippani mein likhein. Stright from the horses mouth, you see ... :)
God bless.
RC
kya khene bahut khub.......
मैंने मरने के लिए रिश्वत ली है ,मरने के लिए घूस ली है ????
๑۩۞۩๑वन्दना
शब्दों की๑۩۞۩๑
आप पढना और ये बात लोगो तक पहुंचानी जरुरी है ,,,,,
उन सैनिकों के साहस के लिए बलिदान और समर्पण के लिए देश की हमारी रक्षा के लिए जो बिना किसी स्वार्थ से बिना मतलब के हमारे लिए जान तक दे देते हैं
अक्षय-मन
बहुत बढ़िया
Bahut khub.
बृजमोहन जी, बहुत अच्छे हाइकू हैं, बधाई।
आपने मेरे ब्लॉग तस्लीम पर मेरे बारे में जिज्ञासा व्यक्त की थी। यह देखकर प्रसन्नता हुई कि आप मेरे बारे में जानने चाहते हैं और मेरी रचनाऍं पढना चाहते हैं। आप मेरे ब्लॉग मेरी दुनिया मेरे सपने पर मेरे बारे में विस्तार से जान सकते हैं।
बहुत सटीक!
waah ! lajawaab.
पोंछा लगाया
अदा की अदा हुई
काम का काम kya baat kahi hai,,,,,,,,,maja aa gaya
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