Friday, September 12, 2008

डकेतों ने हमें लूटने की योजना बनाई
हमको पता चल गया हमने पुलिस बुलाई
हमारी रक्षा हुई हम डकेतों से बच गए
............................................
मगर फ़िर भी लुट गए

1 comment:

राजेंद्र माहेश्वरी said...

रिक्त स्थान पर कितना कडुआ सच छिपा है।

स्वागत है।